देखो ना भाई "राखी " आयी हैं ..
हमारे बचपन की याद साथ लायी हैं
ना जाने दुनिया ने ये कैसी रीत बनायी हैं
तुम तो भूल ही गये मुझे जब से भाभी घर आयी हैं ...
माँ कहती हैं की सब भूल कर चली आऊ ...राखी की घडी आयी हैं ..
पर दिल कहता हैं क्यू जाऊ उस भाई के पास...जिसने चरित्र पर मेरे ऊंगली उठायी हैं ...
पापा देखो ना आपकी Princess की आज आंखे भर आयी हैं ...
भाई ने हमारे रिश्ते की डोर भाभी को थमाई हैं .....
डाटो ना पापा उसे ....कहो ना उसे की वो मेरा भाई हैं ...
भूल जाऊंगी मै सब ...की उसने मुझे कितनी चोट पहुचाई हैं
माँ कह दो भाई से ....की भले ही राखी की घडी आयी हैं ....
पर राखी उस चोट से बड़ी नहीं ...जो उसने मुझे पहुचाई हैं ....
यादो मे रहेगा वो हमेशा मेरी पर ...माँ अब मै लौट ना पाऊंगी ....
क्यूकी ज़िन्दगी मुझे उस मोड पर ले आयी हैं ....
Hidden pain of a girl...
जवाब देंहटाएंHidden part of our life....
हटाएंU r such a real life blogger... making blog on real world
जवाब देंहटाएंThank you so much ...
हटाएं