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शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2020

झूठा सच

 ज़िन्दगी में हर झूठ इतना भी सच नहीं लगना चाहिए कि कोई बिना वजह है मारा जाए....
आप इस बारे में क्या सोचते है,

दरअसल, "it doesn't matter" की आपके झूठ से किसी के सपने बिखर सकते है...कोई  अपने मुस्कुराने कि वजह खो सकता है...कोई अपने रंग भरे सपनों से नफरत कर सकता है...या कोई अपने जीने कि वजह भूल सकता है ।।
Yes it doesn't matter.... कुछ लोगो के लिए ये चीजें it doesn't matter ही तो है ।।

आज फिर किसी को कहते सुना मैने ...(जी हम बहू लेने नहीं बेटी लेने आए है)...अपनी बेटी की तरह रखेंगे इसे... कभी आपकी कमी महसूस नहीं होने देंगे....जैसे आपके घर में रहती है...उससे भी अच्छी तरह रखेंगे.....😠😠
लेकिन सवाल ये है कि क्या ऐसा असल में होता है?
अगर इस सवाल का जवाब आप " हां" में देते है तो फिर हाल ही में जो खबरें सुनी उनके बारे में आप क्या कहेंगे ?
हाल ही में एक ख़बर सुनने में आईं कि पानीपत में एक प्रोफेसर में अपनी बेटी की शादी की। शादी के वक्त पिता ने 50 लाख रूपये दहेज़ के तौर पर दिए।
कुछ ही दिनों बाद शादी ससुराल वाले बेटी को तंग करने लगे, वजह थी दहेज़ कम मिला है।
लड़की ने बताया कि शादी के केवल एक महीने बाद ही उसका चेकअप करवाया और उस पर बांझ होने का आरोप लगाया। इससे भी कुछ नहीं हुआ तो उन लोगो ने उसपर चरित्रहीन होने का आरोप लगाया। शादी के एक साल बाद एक नन्ही परी का जन्म हुआ तो ससुराल वालो ने ताने देने शुरू कर दिए कि हमें बेटा चाहिए को हमारा वंश आगे बढ़ाएगा। 
इसी के बीच ससुराल वालों ने जबरन उसे मायके भेज दिया। उसके बाद सुलह के नाम पर 15 लाख की कार की मांग की, ऐसे में प्रोफ़ेसर ने कार देने में मुश्किल जताई तो उन्होंने बदतमीजी की।
पीड़ित लड़की का कहना है कि बच्चे के जन्म के बाद जुल्म इतने बढ़ गए थे कि ससुराल वालो ने मिल कर उसे मारा, यहां तक पति के पैर भी चटवाए।
अब आप बताएं कि ससुराल वाले क्या अपनी बेटी के साथ ऐसा कुछ कर सकते है।
उस बेटी के पिता के कितने अरमान होंगे, कितनी तैयारी की होगी, 1000 बार आशीर्वाद दिया होगा, सदा खुश रहने का। लेकिन ससुराल वालो ने तो उससे खुश रहने की वजह हो छिन ली।

फिर इन सब को सुनकर और सोच कर दिल यही कहता है, की ऐसे सपने मत दिखाओ जिनको एक एक करके आप ही हर रोज तोड़ोगे...

आज तुम कहते हो बेटी बना कर रखेंगे...लेकिन कल जब खाना बनाते वक़्त उस बेटी के सिर से पल्लू नीचे सरकेगा..तब तुम उसे ये कहने से नहीं रहोगे..की तेरी मां ने कुछ सिखाया था या नहीं...

कभी जब ज़ल्दबाज़ी में खाना बनाते वक़्त उसका हाथ जलेगा तब तुम उसकी मां की कमी पूरी नहीं कर पाओगे... उसे ये कहकर की ध्यान रखा करो ..गले से कोई नी लगाएगा...

जब तुम्हारे घर में वो कुछ भी अपने मन का नहीं कर पाएगी...हर वक़्त अपने आपको बदिशो में जकड़ा पाएगी ...तो वो अपने घर की तरह कैसे रह पाएगी...
प्लीज़ कम से कम जब किसी की ज़िन्दगी का फ़ैसला आपके हाथों में हो तब तो original रहो...
उस इंसान को ये मौका मत दो की कुछ दिन बाद वो ये महसूस करे कि तुम पर यकीन करना उसकी ज़िन्दगी का सबसे गलत फ़ैसला था ।।

ऐसे में लड़की को चाहिए कि थोड़ी जागरूक रहे , अपने अधिकारों के बारे में जाने, किसी भी जुल्म को बर्दाश्त न करे।
इसके लिए आज कल कानून ने बहुत सारे अधिकारों और कानूनी मदद को बेटी के सहारे के लिए निर्मित किया हैं।
आएं जानते है की वो कौनसे अधिकार है जो सविधान में वर्णित है तथा प्रत्येक महिला को दिए गए है। जिसे वो न केवल घर में बल्कि बाहर भी इस्तेमाल कर सकती है तथा जुल्म से अपने आप को बचा सकती है:

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