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बुधवार, 30 दिसंबर 2020

Last day

 Hlo, friends..

Last day of the year confessions:-

Aaj 2020 ka akhiri din hai...

Jo log mere apne hai ya mere liye matter krte hai...unke liye mene last day of year confession kiya.

Aaj socha pure saal mujhe pareshaan krne wala...mujhe beintehaa khush krne wala...bechain krne wala...mere saath rone wala...jo ek cute sa Masum sa dil hai uske liye bhi aaj ek confession hai...

Socha smjha du ..taki aane wale saal me ye khud ko sambhalna sikh jaye aur naye saal me naye sapne saja ske unhe pura krne ka junoon apne ander paida kr ske..

So let's get start

Aye Dil sambhal ja zara  vrna bhut thokarein khayega

Kuch hasil na hoga tujhe ...akhir tadap kr rh jayega


Zindgi ka tana- bana tu kbhi na bun payega..

Jisko samjhega tu aapna ,,,,usko khud se bhut dur tu payega


Is bechaini ke badle me...sukun tera lut jayega...

Raaton ko jagega tu...phir chain kbhi na payega....


Zindgi ki ye pheli aye dil tu kbhi samjh payega

Is hasin khwab ke badle. ...aapni jaan tu gwayega.....

Jitni roshan karega unko ....duna andera tu payega....

Dhoke ki is dori ka phir .....tu ek moti bn jayega....

Raaton ko siskega jb tu,,,,koi paas na aayega.. ..


In nkli riston ki dhup me...phir aapne per jalayega

Aapne saath tu kuch nhi. ,,,,bus chnd yaadein le jayega.  .

Do din royenge apne pr phir tu bhula diya jayega


Jb tk tu chup hai ....aye dil khub saraha jayega

Chaht koi jo tune kr li

Phir bemout hi maara jayega

.

Viswaas kiya jo kbhi kisi ka---to tut kr bikhar jayega

Agr gir gya nazaron me khud ki ....kabhi na phir tu uth payega

Ab to sambhal ja aye dil....vrna tukdon me bikr jayega.....

Kuch hasil na hoga tujhe ....akhir tadap kr rh jayega......

सोमवार, 7 दिसंबर 2020

वादा

 हैलो फ्रेंड्स ...कैसे है आप...आशा करती हूं आप सब इस महामारी के बीच सुरक्षित होंगे..
क्या लगता है आपको हम कब खुल कर सांस ले पाएंगे ? कब ये कह पाएंगे कि मास्क के बिना भी जीवन संभव है😀 ।।
वैसे कभी कभी ज़िन्दगी में वो मोड़ भी आते है जहां दम घुटने का कारण कोरोना नहीं होता, बल्कि हमारे कुछ "काश" और कुछ "पर" उसका मुख्य कारण होते है।।
कभी कभी चाहे अनचाहे किसी के लिए बहुत कर रहे होते है, और ये भी मान रहे होते है की किसी से उम्मीद नहीं करनी चाहिए लेकिन ....ये दिल ना किसी ना किसी कोने में वो उम्मीद वाली लौ जला ही लेता है जो जल तो रही होती है लेकिन साथ में जला भी रही होती है।।
हम चाहते है कि अगर हम किसी को अपना 100 पर्सेंट दे रहे है तो सामने वाला कम से कम 50 पर्सेंट तो दे।। लेकिन ऐसा होता नहीं है क्योंकि करना तो उसे वो है जो वो करना चाहता है, फिर एक पल ऐसा आता है जब हम अपनी एक पूरी सी कोशिश कर लेना चाहते है अपनी बात समझाने की, और उसकी समझने की....
आज कुछ लाइन्स पढ़ी जो इन परिस्थितियों पर बिल्कुल सटीक बैठती है:- चलिए देखते है...


तेरे साथ ठहरने के लिए तैयार हूं,
तू साथ चलने का वादा तो कर।
तुझे अपनी पलकों पर बैठाने के लिए तैयार हूं,
तू हर दफा मुझे देख कर मुस्कुराने का वादा तो कर।
तेरे लिए पूरी दुनिया से भी लड़ने को तैयार हूं,
तू मुझसे ना रूठने का वादा तो कर।
तेरे साथ हर सुबह की चाय पीने के लिए तैयार हूं,
तू हर शाम मुझे वक्त देने का वादा तो कर।
तुझपे हर खुशी कुर्बान करने के लिए तैयार हूं,
तू मेरे हर दर्द में साथ रहने का वादा तो कर।
तेरे साथ ज़िंदगी बिताने के लिए तैयार हूं,
तू साथ निभाने का वादा तो कर।


गुरुवार, 3 दिसंबर 2020

काश


 आज की  सुबह थी तो वैसी  ही जैसी  रोज  होती हैं  ....  वैसे तो सुबह  5:30 बजे  से रात 11:30 बजे तक  थकना  मुझे  allowed नही हैं ...लेकिन आज मेरे मन  ने मुझे सुबह  8 बजे  ही थका  दिया.... सुबह उठते ही मेरा मन मेरी मम्मी के घर की और भागा... जहां मैं अपने मन की मालिक थीं..बहुत मुशकिल से समझाया की अब ऐसा  नही हैं ...फिर  रसोई  मे जाते ही फिर से भाग  गया मम्मी के घर और मुझे याद दिलाने लगा वो मम्मी के हाथ की गरम गरम रोटी....वो उनका खाना खिलने के लिए मेरे पिछे पिछे भागना ....मेरे ऑफिस से घर आने  तक  मेरा  wait करना ...मेरे घर आते ही ""आ गया मेरा बच्चा""कहकर बुलाना...मेरे बिना कहें  सब समझ जाना ...मेरी फिजूल की बातों को भी ध्यान से सुनना...खुद को सर्दी लगती तो मुझे भी स्वेटर पहना देती...मेरे सिर्फ  इतना कहने पर कि सिर दर्द है , उनका रात भर जागना --इतना  कुछ याद दिलाने  के बाद भी वो नही माना ...बहुत मुशकिल से उसे समझाया की वो इस वक़्त  एक रेगिस्तान मे खडा हैं जहा उसे दूर कही पानी तो नजर आता हैं...लेकिन पास जाने पर वो ओर दूर हो जाता हैं।


एक बच्चे की तरह लाख ज़िद करने लगा वापिस नहीं जाना...आज तो समझना भी मुश्किल था ...लेकिन जब मैने उसे उसकी ज़िम्मेदारियों की list दी...तब  बहुत दुखी मन से वो वापिस आया ...और  तब  तक  8बज  गए  थे ..फिर  office जाने के लिए भी उसे वैसे  ही तैयार किया  जैसे  किसी बच्चे  को तैयार करते हैं ..जब वो अपनी माँ को छोड़कर स्कूल नहीं जाना चाहता ।।

बस ऐसे ही दिन में कई बार मेरा मन मम्मी के पास घूम आता है...

काश मैं  भी जा पाती  ....ऐसे ही ....

हैप्पी बर्थडे पापा

  पापा मेरी मां के अलावा वो पहले इंसान है, जिसने मुझे हमेशा महसूस कराया कि मैं कितनी ख़ास हूं । आपने मुझे हमेशा ऐसे रखा है, जैसे मैं कोई रा...