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बुधवार, 19 मई 2021

सपने

 सपने देखना ही काफी नहीं होता ... आंखों के बन्द अंधेरों से निकलकर उन्हें बाहर की धूप , छाव और बारिश से रूबरू करना पड़ता है ।।

बहुत से लोग अपने सपनो को नहीं जी पाते...क्योंकी वो अपने डर को जी रहे होते हैं

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