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शुक्रवार, 28 मई 2021

मासूम दिल

 

हैलो दोस्तों.....कैसे है आप?

मैं आपकी होस्ट और दोस्त आज फिर हाज़िर हूं आपके लिए कुछ नया, और ख़ास लेकर, जो हर बार की तरह आपको और आपके दिल को ताज़गी से भर देगा।


तो दोस्तों आज हम बात करने वाले है उस छोटे बच्चे के बारे में जिसे हम समझाते तो बहुत है, लेकिन अक्सर उसकी जिद के आगे हमें अपने घुटने टेकने पड़ते है। कभी कभी गुस्सा भी आता है ,उसकी नजायज ज़िद पर, लेकिन अगले ही पल बहुत सारा प्यार भी आता है उसकी बचकानी हरकतों पर, कभी कभी खडूस बन जाता है, लेकिन सच मानिए बहुत मासूम है। 


जी हां, मासूम ही तो है हमारा दिल...!


आज हम जिसकी बात कर रहे है वो हमारा मासूम सा, छोटा सा, प्यारा सा दिल है। दोस्तों, जानती हूं बहुत जिद्दी है, लेकिन यकीन मानिए एक छोटा बच्चा है,और हम सब को इसका बच्चो सा ही ध्यान रखना चाहिए। 


तो चलिए जो हमसे कुछ ज्यादा नहीं मांगता, जो सिर्फ ये चाहता है की हम अपनी ईच्छाओं को मारे ना, बल्कि उनके साथ हर पल को जी ले, आखिर वो क्या चाहता है,उसे क्या अच्छा लगता है, क्यों इतना जिद्दी है, उसके बारे में जानते है:


आप मानो या ना मानो... लेकिन दुनिया का सबसे बड़ा घुम्मकड़ हमारा दिल है । मिनटों में ना जाने कहां कहां घूम आता है।

कभी जब बारिश से सब सराबोर होता हैै, तब अचानक से ये गाड़ी लेकर खुली सड़क पर दूर तक निकल जाता है।।

फिर अगर इसे कोई रोक पता है तो वो है एक प्याली अदरक वाली गरम सी चाय और गरम गरम स्पाइसी सी मैगी.... फिर भी जब तक बारिश बन्द ना हो तब तक ये वापिस घर को नहीं आ सकता ।।

कभी कभी भरी दुपहरी में आइस क्रीम खाने के लिए ये मीलों की दौड़ तय करके उस साइकिल वाले तक पहुंच जाता है...जिसकी गोले वाली आइस क्रीम के लिए बहुत बार पनीर को भी रिजेक्ट किया है इसने...🙂

कभी कभी जब बादलों पर दूर तक धूप दिखाई नहीं देती तो ये मचल जाता है...और पहुंच जाता है फिर से उन बचपन के झूलो पर,फिर घंटो उन पर बैठ कर वो उन सारे दिनों की यादें समेटने लग जाता है..जो अब कभी वापिस नहीं आ सकते।।😔☹️

कभी कभी एक थका देने वाले दिन के बाद भी ये अपने आप रसोई की तरफ बढ़ जाता है... और फिर ढेर सारी मटर डालकर पुलाव बना लेता है... हां😒...मां जैसा स्वाद तो नहीं ला पता लेकिन बना लेता है...और खुद को ये एहसास दिला देता है कि ये अभी भी वो बच्चा है जो बचपन में कुकर की सीटी के साथ आने वाली खुशबू से अंदाजा लगा लेता था कि मां ने पुलाव बनाया है ।।🤗


जब कभी रात को नींद आने में आनाकानी करती हैं तो ये भी अपनी कुछ अधूरी ड्रीम डेस्टिनेशन पर निकल पड़ता है...

कभी पूर्णिमा के दिन ताजमहल का रात का नज़ारा देख आता है तो कभी बिना बताए ही धार्मिक हो जाता है ... और पहुंच जाता है गंगा आरती के लिए घाट पर ।।।🌌


कभी कभी जब रोजमर्रा की जिंदगी से ऊब जाता है तो बैग पैक कर निकल जाता है शिमला.... तो कभी मनाली...

और कभी कभी तो जनाब इंटरनेशनल टूर भी कर आते है ।।

अभी पिछले हफ्ते ही आए जनाब स्विट्जरलैंड से,अब इनको डर थोड़ी ही है किसी वायरस का🙊


जब कभी थकान होने लगे लोगों के दोगलेपन से... जब कभी पाला पड़े मतलबी लोगों से... या रिश्ते कभी बिना गलती के सज़ा देने लगे...तब भी वो चल पड़ता है मां के पास, उसकी गोदी में जहां बचपन में जाते ही सारी तकलीफ़ सारे दर्द ख़तम हो जाते थे ।।


अभीकल की ही तो बात है.... जनाब पहुंच गए मां के पास...


बहुत थका दिया मां को..ये बनाओ वो बनाओ..ये चाहिए वो चाहिए... यहां जाना है वहां जाना है... गोदी ले लो...गले लगा लो.... लोरी सुना दो


वो सब करो जो तुम पहले किया करती थीं ।।


जानती हूं थोड़ा ज़िद्दी है... मुझे समझना चाहिए इसे... लेकिन मै नहीं समझाऊंगी इसे..और ना ही ये सब करने से मना करूंगी😊


करने दो ना यार जो करना चाहता है...बच्चा है अभी ...और वैसे भी ये जो कर सकता हैं मुझे नहीं पता कि मैं कभी कर पाऊंगी या नहीं।।


और मैं तो कहती हूं आप भी कर लेने दो इसे इसके मन की,


क्या पता ये खुद जीते जीते आपको भी जीना सीखा दे।।🤗🤗








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2 टिप्‍पणियां:

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