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गुरुवार, 20 अगस्त 2020

Dil sach me bacha hai...

कभी कभी भरी दुपहरी में आइस क्रीम खाने के लिए ये मीलों की दौड़ तय करके उस साइकिल वाले तक पहुंच जाता है...जिसकी गोले वाली आइस क्रीम के लिए  बहुत बार पनीर को भी रिजेक्ट किया है इसने...🙂


कभी कभी जब बादलों पर दूर तक धूप दिखाई नहीं देती तो ये मचल जाता है...

और पहुंच जाता है फिर से उन बचपन के झूलो पर 

फिर घंटो उन पर बैठ कर वो उन सारे दिनों की यादें समेटने लग जाता है..जो अब कभी वापिस नहीं आ सकते।।😔☹️

2 टिप्‍पणियां:

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