हैलो फ्रेंड्स... गुड मॉ्निंग..
कैसे हो आप सब...आशा करती हूं कि इस magical सी ठंड में .. इतराती हुई...गुनगुनी धूप को एन्जॉय कर रहे होंगे...
सच कहूं जब जब ये गुनगुनी धूप आंगन में आकर विराजमान होती है तो वो बचपन वाली सर्दियों कि याद आ जाती है...
याद आता है कि कैसे मम्मी..चाची...और आंटी ऊपर छत पर बैठकर धूप सेकती थी और हमारे लिए वो रंग-बिरंगी स्वेटर बुनती थी..कैसे नए नए डिजाइन ढूंढकर बहुत शिद्दत के साथ उस स्वेटर को पूरा करती थी..उसी दौरान आपस में बातचीत से वो कुछ घरेलू दिक्कतों को भी निपटारा बहुत सलीके से कर देती थी...एक दूसरे को सलाह भी देती थी...और साथ ही साथ कुछ घरेलू नुस्खे भी दे दिया करती थी।।
सच में कितना अपनापन लेकर आती थी वो बचपन वाली धूप...उस टाइम सूरज के साथ साथ रिश्तों की गर्माहट को भी महसूस किया जा सकता था...लेकिन अफसोस की आज के टाइम में सबसे बड़ी चुनौती है रिश्तों को संभाल कर रखना... आज कल लोगो के पास टाइम ही नहीं की वो किसी का हाल चाल ही पूछ ले...
इसलिए आज इन्हीं खोए हुए रिश्तों के बारे में कुछ कहना है आपसे....तो चलिए ज़रा ग़ौर फरमाए:-
सख्त हाथों से भी छूट जाते है हाथ, रिश्ते ज़ोर से नहीं तमीज से थामे जाते है,
फल और फूल के आने से पहले, ये भी ठीक पौधों-से सींचे जाते है।।
कई बार ख़तरनाक मोड़ आते है रिश्तों मे भी, पर यूं बीच सफ़र में हाथ कहां छोड़े जाते है,
इस सफ़र को हर पल खुशनुमा बनाने के लिए, कई बार बिना ग़लती के भी हाथ जोड़े जाते है।।
छूट जाते है कुछ साथ इस सफर में, और कुछ इन्हें बड़ी शिद्दत से निभाते है,
बहुत नाज़ुक है इसलिए ही तो, ये भी फूलों से संभाले जाते है।।
कुछ नए भी जुड़ जाते है इन रिश्तों की कड़ी में, जो पहले वालो से भी ज्यादा अजीज हो जाते है,
कभी जब अमावस्या-से काले साह अंधेरों में घिरे हो हम तो, यही कुछ रिश्ते हमारे लिए रोशनदान से छनकर आता हुआ उजाला बन जाते है।।
तो जनाब, ज़िन्दगी में जब सब कुछ लगा हो दांव पर , तो याद रखना की सबसे पहले रिश्ते बचाए जाते है,
इसलिए कहा गया है कि सख्त हाथों से भी छूट जाते है हाथ, रिश्ते ज़ोर से नहीं तमीज से थामे जाते है।।
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Thank you.
Bahut khub Ms.लेखिका सर्दियो का भी bahut गेहरा अनुभव h apke pas...
जवाब देंहटाएंRight yaar
जवाब देंहटाएंEk ek line... Bilkul sachi hai.... Bahot khoob... Keep going
जवाब देंहटाएंVery good Pooja
जवाब देंहटाएंWaiting for next blog.
Thankyou Arun
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