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शुक्रवार, 14 मई 2021

मोहब्बत कर ली जाए !

हैलो दोस्तों कैसे है आप....
मैं मानती हूं कि आज देश में महामारी ने एक विकराल रूप ले लिया है.. हमारे आस पास बहुत से ऐसे लोग है जिन्होंने इस महामारी के चलते अपने अपनो को खो दिया है। दोस्तों, जो हो गया उसे तो बदला नहीं जा सकता लेकिन हम सब को समझदारी से काम लेना होगा। अपने आप को ये समझना होगा कि सब ठीक हो जायेगा...बुरा समय ज्यादा समय तक नहीं रहता। लेकिन इस बुरे समय को भी हम अच्छे समय में बदल सकते है। इन परिस्थितियों के चलते पूरे देश में लगभग हर राज्य में लॉकडाउन लगा हुआ है...ऐसे में जब हम सब अपने घरों में है तो फिर पूरी तरह से घर के ही क्यों न बन जाए ? अपने अपनो के साथ समय बिताए, उनके साथ वो सब करे जो आप भागमभाग में अक्सर भूल जाया करते थे। हम सब को अक्सर ये शिकायत होती थी, कि काम की वजह से हमें समय ही नहीं मिलता की हम अपने प्रियजनों के साथ थोड़ा वक्त बिताए, अपने दिल की कहे, उनकी सुने।
तो देखिए अब आपके पास वो समय है तो इसको बर्बाद मत कीजिए। अपने अपनो के साथ समय बिताए और इन पलों को यादगार बनाएं। याद रखिए कितनी ही बुरी परिस्थिति क्यों न हो अगर हमारे अपने हमारे साथ है तो सब कुछ आसान हो जाता है ।
तो चलिए फिर आज मैंने भी किसी अपने के लिए कुछ लिखा है ज़रा गौर फरमाएं और अच्छा लगे तो मुझे कमेंट करके ज़रूर बताइएगा:

खो जाए हम सपनों में, या आज नींद को छुट्टी दे दी जाए,
नज़र झुका लें शर्माकर, या खुद को शीशे में देख लिया जाए,
बेरोजगार बैठे है आजकल हम, तुम कहो तो तुमसे मोहब्बत कर ली जाए।।

रोटियां तो तुम रोज़ ही खाते हो, तो क्यों न आज वो तुम्हारे वाली चाउमिन बनाई जाए,
या लेकर तुमको साथ किचन में, तुम्हारे वाला वो टेस्टी पिज्जा ट्राई किया जाए,
वो सुबह पहली चाय में तुम्हारी, क्यों न आज थोड़ा प्यार मिलाया जाए,
बेरोजगार बैठे है आजकल हम, तुम कहो तो तुमसे मोहब्बत कर ली जाए।।

रोज़ की इस भागदौड़ वाली जिंदगी से , तुम्हारे लिए फुरसत चुरा ली जाए,
फिर किसी शाम सुहानी में , कुछ वक्त तुम्हारे साथ बिताया जाए,
लफ्जों को फिर करके किनारे, खामोशियों को क्यों ना एक मौका दिया जाए,
बेरोजगार बैठे है आजकल हम, तुम कहो तो तुमसे मोहब्बत कर ली जाए।।

देकर तुमको हंसी वो प्यारी, तेरी आंखों की आज नमी चुरा ली जाए,
सारी मुश्किलों को तेरी आज, फिर ऊंची आवाज़ में धमकाया जाए,
लेकर हाथ तेरा हाथों में, वादों की फिर रस्म निभा ली जाए,
बेरोजगार बैठे है आजकल हम, तुम कहो तो तुमसे मोहब्बत कर ली जाए।।

समझदारी से हम काम लें या वो बचपन वाली शरारत कर ली जाए,
बेपरवाह हो जाए या फ़िर इन लम्हों को अहमियत समझी जाए,
बेचैनियों के लंबे दौर को आज, थोड़ी राहत बक्श दी जाए,
 बेरोजगार बैठे है आजकल हम, तुम कहो तो तुमसे मोहब्बत कर ली जाए।।



3 टिप्‍पणियां:

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