आप मानो ना मानो.... लेकिन जो लोग आपको आपकी औकात दिखा देते है ना....वो आपके ज़िन्दगी के बहुत खास इन्सान होते है ....
120 की स्पीड से भाग रही ज़िन्दगी पर एक खड़ी ब्रेक लगा देते है.... उन सब ग़लतफहमियों से पर्दा उठा देते है....जो हमनें कभी जान बुझ कर और कभी अनजाने में ही टांग लिए होते है....
लेकिन ग़ौर करने वाली बात ये है कि हम सिर्फ उन परदों को टांगने का काम करते है...
उनकी लंबाई, चौड़ाई, उनका रंग वो सब वो लोग डिसाइड करते है ।
अचानक से सारे भ्रम टूट जाते है...वो सारे पल बेमानी से हो जाते है जो हमें हमसे ज्यादा प्यारे होते है।।
कई बार ये परिस्थिति किसी की ज़िन्दगी में एक या दो बार आती है...क्योंकि उसके बाद वो उन लोगो से सावधान हो जाते है..लेकिन कुछ बहुत ही खुशनसीब होते है क्योंकि उनकी ज़िन्दगी में ऐसे लोग परमानेंट होते है और वो चाह कर भी उनसे सावधान नहीं हो सकते...हर बार पागलों की तरह विश्वास कर लेते है कि फिर दुबारा ऐसा नहीं होगा....लेकिन वो ये भूल जाते है कि वो कुछ एक्स्ट्रा खुशनसीब होते है।।
इसलिए बेवजह के भ्रम पालने से अच्छा है कि कुछ टाइम खुद के साथ बिता लो...अपने आप को शीशे में देखो...और महसूस करो कि वो दूसरी तरफ दिखने वाला शख्स अपनी मुस्कुराहट के लिए पूरी तरह तुम पर depend हैं।। तो उसके लिए खुश रहो...और वो सब करो जिससे वो खुश रह सके।।
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