हैलो फ्रेंड्स... आज चंद पंक्तियां उन लोगो के लिए जो बेचारे अपनी ज़िन्दगी के सारे काम धंधे छोड़कर हमारी ज़िन्दगी में सीसीटीवी कैमरे लगवा लेते है।।पता नहीं उन्हें ऐसा क्यों लगता है कि उन्हें पूरा हक़ है हमारी ज़िन्दगी के हर पन्ने को पढ़ने का ... उनमें कमियां निकालने का ...और उसके बाद हर पन्ने पर अपने नाम कि stamp लगाने का...
ऐसे लोगो से मेरा अनुरोध है कि कृपया अपने काम पर ध्यान दे ..ताकि भगवान को ये ना लगे कि आपको पैदा करके उनसे कोई गलती हो गई...
तो चलिए फिर ग़ौर फरमाए :-
लहज़े में बदजुबानी, चेहरे पर नक़ाब लिए फिरते हैं,
जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े है, वो मेरा हिसाब लिए फिरते है।
कहते सुना है उन्हे अक्सर की बहुत बुरे है हम, और खुद के अच्छे होने का वो जैसे अवॉर्ड लिए फिरते है,
देखा है जनाब मैने उनकी अच्छाईयों को भी ग़ौर से,
अपना काम निकलवाने के लिए कैसे वो अक्सर लोगो के तलवे चाटते फिरते है,
जिनके खुद के बही खाते बिगड़े हैं, वो मेरा हिसाब लिए फिरते है।।
हां झुकती नहीं बेवजह किसी के आगे, मगर मुझे झुकाने का वो दिल में अपने अरमान जगा कर बैठे है,
मुझे गिराकर आगे कैसे निकला जाए, नासमझ है कितने जो इसलिए लिए तरकीब ढूंढते फिरते है,
जिनके खुद के बही खाते बिगड़े हैं, वो मेरा हिसाब लिए फिरते है।।
मेरी मासूमियत को वो मेरी बेवकूफी समझ कर बैठे है, कब टूट कर बिखर जाऊ , ये घात लगाए बैठे है,
बेचैनियों के इस दौर में उलझे हुए है नासमझ,
और छीन लेने को मेरा सुकून वो तैयार हुए फिरते है,
जिनके खुद के बही खाते बिगड़े हैं, वो मेरा हिसाब लिए फिरते है।।
मेरी ज़िन्दगी के हर पन्ने को वो बड़े शौक से पलटते है, फिर अपने बाप कि जंगीर समझ के आगे की किताब खुद लिखने लगते है,
शब्दों के जाल में फंसे पड़े है नासमझ और लिखने को मेरी कहानी वो कलम लिए फिरते है,
जिनके खुद के बही खाते बिगड़े हैं, वो मेरा हिसाब लिए फिरते है।।
बड़ी शख्सियत तो नहीं, लेकिन मैं उनमें से हूं जिनको रास्ता दिखाने को भोलेनाथ ऊंगली पकड़ लेते है,
कह दो उन समझदार लोगों से कि मैं मोम की गुड़िया नहीं जिसे मिटाने को वो अंगार लिए फिरते है,
कमाल है वैसे, जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े है, वो मेरा हिसाब लिए फिरते है।।
जिनके खुद के बही खाते बिगड़े हैं, वो मेरा हिसाब लिए फिरते है।।... Bahot khub... Keep going .. god bless you
जवाब देंहटाएंIts Wow...
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