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शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

Dil sach me bachha hai...

 अभी कल की ही तो बात है.... जनाब पहुंच गए मां के पास...

बहुत थका दिया मां को..ये बनाओ वो बनाओ..ये चाहिए वो चाहिए... यहां जाना है वहां जाना है... गोदी ले लो...गले लगा लो.... लोरी सुना दो

वो सब करो जो तुम पहले किया करती थीं ।।


जानती हूं थोड़ा ज़िद्दी है... मुझे समझना चाहिए इसे... लेकिन मै नहीं समझाऊंगी इसे..और ना ही ये सब करने से मना करूंगी😊

करने दो ना यार जो करना चाहता है...बच्चा है अभी ...और वैसे भी ये जो कर सकता हैं मुझे नहीं पता कि मैं कभी कर पाऊंगी या नहीं।।

और मैं तो कहती हूं आप भी कर लेने दो इसे इसके मन की

क्या पता ये खुद जीते जीते आपको भी जीना सीखा दे।।🤗🤗


Dil sach me bachha hai...

 जब कभी थकान होने लगे लोगों के दोगलेपन से... जब कभी पाला पड़े मतलबी लोगों से... या रिश्ते कभी बिना गलती के सज़ा देने लगे...तब भी वो चल पड़ता है मां के पास

उसकी उसी गोदी में जहां बचपन में जाते ही सारी तकलीफ़ सारे दर्द ख़तम हो जाते थे ।।

Dil sach me bachha hai...

 कभी कभी जब रोजमर्रा की जिंदगी से ऊब जाता है तो बैग पैक कर निकल जाता है शिमला.... तो कभी मनाली...

और कभी कभी तो जनाब इंटरनेशनल टूर भी कर आते है ।।

अभी पिछले हफ्ते ही आए जनाब स्विट्जरलैंड से😊

अब इनको डर थोड़ी ही है किसी वायरस का🙊


गुरुवार, 20 अगस्त 2020

Dil sach me bachha hai..

 जब कभी रात को नींद आने में आनाकानी करती हैं तो ये भी अपनी कुछ अधूरी ड्रीम डेस्टिनेशन पर निकल पड़ता है...

कभी पूर्णिमा के दिन ताजमहल का रात का नज़ारा देख आता है तो कभी बिना बताए ही धार्मिक हो जाता है ... और पहुंच जाता है गंगा आरती के लिए घाट पर ।।।🌌

Dil sach me bachha hai...

 कभी कभी एक थका देने वाले दिन के बाद भी ये अपने आप रसोई की तरफ बढ़ जाता है... और फिर ढेर सारी मटर डालकर पुलाव बना लेता है... हां😒...

मां जैसा स्वाद तो नहीं ला पता लेकिन बना लेता है...और खुद को ये एहसास दिला देता है कि ये अभी भी वो बच्चा है जो बचपन में कुकर की सीटी के साथ आने वाली खुशबू से अंदाजा लगा लेता था कि मां ने पुलाव बनाया है ।।🤗

Dil sach me bacha hai...

कभी कभी भरी दुपहरी में आइस क्रीम खाने के लिए ये मीलों की दौड़ तय करके उस साइकिल वाले तक पहुंच जाता है...जिसकी गोले वाली आइस क्रीम के लिए  बहुत बार पनीर को भी रिजेक्ट किया है इसने...🙂


कभी कभी जब बादलों पर दूर तक धूप दिखाई नहीं देती तो ये मचल जाता है...

और पहुंच जाता है फिर से उन बचपन के झूलो पर 

फिर घंटो उन पर बैठ कर वो उन सारे दिनों की यादें समेटने लग जाता है..जो अब कभी वापिस नहीं आ सकते।।😔☹️

सोमवार, 17 अगस्त 2020

Dil sach me bachha hai

 आप मानो या ना मानो... लेकिन दुनिया का सबसे बड़ा घुम्मकड़ हमारा दिल है । मिनटों में ना जाने कहां कहां घूम आता है।


कभी जब बारिश से सब सराबोर होता है तब अचानक से ये गाड़ी लेकर खुली सड़क पर दूर तक निकल जाता है।।

फिर अगर इसे कोई रोक पता है तो वो है एक प्याली अदरक वाली गरम सी चाय और गरम गरम स्पाइसी सी मैगी.... फिर भी जब तक बारिश बन्द ना हो तब तक ये वापिस घर को नहीं आ सकता ।।


.....to be continued

हैप्पी बर्थडे पापा

  पापा मेरी मां के अलावा वो पहले इंसान है, जिसने मुझे हमेशा महसूस कराया कि मैं कितनी ख़ास हूं । आपने मुझे हमेशा ऐसे रखा है, जैसे मैं कोई रा...